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बराकर में भारी जाम जाम की समस्या से एक दूसरे से लड़ते झगड़ते लोग। आम जनता वर्षो से झेल रहे है ट्रैफिक जाम की समस्या । लोगों ने अपना दुखड़ा सुनाया कहा किसी दिन किसी एंबुलेंस के फंसने से पेशेंट की मौत हो सकती है लेकिन प्रसासन कोई ध्यान नहीं देता। लोगों ने गुस्से में अपना दुख जाहिर किया और कहा पुलिस पेपर चेक करके पैसे की उगाही में व्यस्त है बाकी क्षेत्र की जनता त्रस्त है । अतिक्रमण हटाने से यह जाम की समस्याओं से मिल सकता है निज़ात। कामकाजी लोग और स्कूली बच्चों को कई बार घंटों इस समस्या का शिकार होना पड़ता है। डर है किसी दिन कोई बड़ा हादसा न हो जाये। क्योंकि NH2 के रास्ते होकर गुजरने वाली यह सडक़ बराकर होते हुए आसनसोल और dishergarh के रास्ते पुरुलिया जिला के अलावे चिरकुंडा के रास्ते झारखंड को जोड़ती । इस सड़क का जाम मुक्त होना कितना ज़रूरी है आप समझ सकते हैं।
रबी सिंह जो पेशे से चालक है उनका कहना है कि सारी समस्याओं को छोड़िये ये बताइये की जो बच्चे पढ़ाई कर के लौटते हैं या जाते है उनका समय जो नष्ट होता है वो कैसे लौटेगा। अगर सरकार और समाज को इसकी फिक्र है तो समस्या सुलझा कर दिखाये। वरना स्कूल में साईकल और किताबों का बाटना बेकार है।
रोजमर्रा की समान बिक्रेता और दुकानदार का कहना है कि यह कोई बड़ी समस्या नही प्रसाशन चाहें तो लोडिंग अनलोडिंग का समय परिवर्तन कर समस्या से छुटकारा दिला सकती है
बाइक चालक shekhar kesri ka और स्थानीय निजि वाहन वालों का कहना है अतिक्रमण और तोड़फोड़ करके समस्या को उलझाया जा सकता हैं बराकर स्टेशन से करीमनगर होते हुए हनुमान चढ़ाई के पास निकलने वाली वैकल्पिक रास्ते को बनवाया और चालू कर दिया जाए। यह भी अच्छी उपाय होगी।
जाम की समस्याओं के कई कारण है जिनमें लोगों को प्रयास करना होगा कि जाम की अवस्था न उत्पन्न हो।
ग़लत तरीके और ग़लत जगहों पर गाड़ी खड़ी न करें।
दुकानों के बाहर समान न निकाले

Suggestions by:
Aditya shroff
Barakar
मेरे सुझाव…
१.) बराकर से करीम दंगल होते हुए हनुमान चड़ाई जाने वाले रास्ते को बनना चाहिए।
२.) NH 2 पर ड्यूबर्धी और संजय चौक के बीच जो टोल टैक्स लगता है, उसे हटाया जाए या फिर काम से कम टोल टैक्स के दर को घटाया जाना चाहिए।
अभी ये दर बहुत बहुत ज्यादा है। ऐसा करने से हाईवे से बराकर होते हुए चिरकुंदा जाने वाली और बराकर से धनबाद जाने वाली, सभी गाड़ियों को राहत मिल सकेगी।
३.) आनाज की ट्रकों की लोडिंग/अनलोडिंग का समय वाहन की लंबाई के हिसाब से सुनिश्चित की जा सकती है। जैसे ६ पहिए तक के वाहनों की लोडिंग/अनलोडिंग दिन में हो परंतु उनसे बड़ी गाडियां सिर्फ रात में ही लोड/अनलोड हो (सबसे जरूरी)।
४.) मल्टी-लेवेल पार्किंग महंगा किन्तु एक बहुत ही बड़ा और सबसे अच्छा विकल्प है।
Uttam jha
News correspondence
एक से दो किमी तक पैदल ही दैनिक कार्य का निपटारा करें। इससे जाम से निजात के साथ इंधन की बचत होगी।